आर्य वीरांगना दल प्रशिक्षण शिविर शुकुल भठली
Arya veerangana Dal prashikshan Shivir Chhattisgarh
पुसौर छत्तीसगढ़
सुकुर भठली (पुसौर) दिनांक 21/5/2022–आर्यवीर दल छत्तीसगढ़ के तत्वावधान एवं ग्राम सुकुर भठली के सहयोग से आर्य वीरांगना प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन समारोह शाम 5बजे गांव के बीच बस्ती में आचार्य राकेश जी संचालक आर्ष गुरुकुल तुरंगा के मुख्य आतिथ्य सह डा रामकुमार पटेल संचालक (अध्यक्ष) आर्यवीर दल छत्तीसगढ़ के अध्यक्षता में आर्य समाज सुकुर भठली के प्रधान श्री गोकुल प्रसाद प्रधान , मंत्री श्री शम्भू प्रसाद प्रधान के द्वारा आर्य वीर दल के ध्वजारोहण कर शुभारंभ हुआ शिविर में 98 बालिकाओं ने भाग लिया है शुभारंभ के अवसर पर ग्राम पंचायत सुकुर भठली के सरपंच श्री गणेश सिदार जी ने स्वागत भाषण में कहा कि संसाधन विहीन जगह पर इतनी अच्छी व्यवस्था कर शिविर का संचालन होना गांव सुकुर भठली के जागरूकता के साथ यहां के लोगों के अच्छे विचार और भावनाओं का समावेश है
आर्य समाज सुकुल भठली के स्वर्ण जयंती महोत्सव का हुआ उद्घाटन
रायगढ़ । किसी भी सभ्य समाज का आधार उसकी वैचारिकता का सतत प्रवहमान होना है । यही उसकी सभ्यता और संस्कृति की नींव होता और उसे उन्नति और समृद्धि के शिखर पर ले जाता है । भारत के महान ऋषियों की परंपरा के अन्यतम वाहक महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य समाज ने देश को अपने खोए हुए गौरव की पुनर्प्राप्ति का रास्ता दिखाया । छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के पुसौर तहसील का ग्राम सुकूल भठली विगत 50 वर्षों से महर्षि दयानंद सरस्वती की विचारधारा से अनुप्राणित हो रहा है । सामाजिक समरसता का अन्यत्तम उदाहरण सूकुल भठली ने प्रस्तुत किया है । 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्वर्ण जयंती महोत्सव का उद्घाटन समारोह ग्राम तुरंगा के आर्य समाज गुरुकुल में आज संध्या 5 बजे आयोजित किया गया । समारोह के मुख्य अतिथि रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक थे । विशिष्ट अतिथि आर्य समाज के प्रांत संचालक डॉ रामकुमार पटेल थे । मंच संचालन आचार्य राकेश आर्य ने किया । मंच पर दैनिक किरणदूत के प्रधान संपादक प्रेम नारायण मौर्य , वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण त्रिपाठी , वरिष्ठ पत्रकार नरेश शर्मा और रीडर्स फर्स्ट के रायगढ़ ब्यूरो चीफ संदीप सिंह थे । आचार्य राकेश आर्य ने आर्य समाज की स्थापना और योगदान के महत्व को रेखांकित करते हुए देश के कर्णधारों के चरित्र गढ़ने में आर्य समाज की भूमिका को अप्रतिम बताया । प्रेम नारायण मौर्य ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आर्य समाज ने तत्कालीन परिस्थितियों में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसका महत्व निर्विवाद है। प्रवीण त्रिपाठी ने आज वर्तमान स्थिति में आर्य समाज द्वारा निभाई जा रही भूमिका की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के युवाओं को अपनी सभ्यता और संस्कृति की ओर प्रेरित करना समसामयिक है और देश के लिए जरूरी भी। नरेश शर्मा ने भी आज के दौर में ऐसे आंदोलन की आवश्यकता पर बल दिया । डॉ रामकुमार पटेल ने आर्य समाज और उसके क्रिया कलापों पर चर्चा करते हुए कहा कि सदियों की पराधीनता से हमारे देश में कई सामाजिक कुरीतियां और बुराइयों ने जन्म ले लिया । इन्हें समाप्त करने के लिए कई सामाजिक धार्मिक आंदोलनों का सूत्रपात हुआ। ऐसे ही एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक – सामाजिक आंदोलन के प्रणेता स्वामी दयानंद सरस्वती थे ,जिन्होंने 1875 में बंबई में आर्य समाज की स्थापना की । भारत के इतिहास में देश की जागृति के लिए किए गए आंदोलन में आर्य समाज का अन्यतम स्थान है । कृण्वन्तो विश्वमार्यम अर्थात विश्व को आर्य बनाते चलो की धारणा को आदर्श मानते हुए आर्य समाज शुद्ध वैदिक परंपराओं और मान्यताओं का अनुसरण करता है तथा मूर्ति पूजा ,अवतारवाद , बलि, मिथ्या कर्मकांड एवं अंधविश्वासों को अस्वीकार करता है । आर्य समाज ने अपने स्थापना काल से ही छुआछूत, जातिप्रथा आदि का विरोध किया और स्त्रियों तथा शूद्रों के यज्ञोपवीत धारण करने और वेद पाठ करने का समर्थन किया । देश को आज भी एक ऐसे ही आंदोलन की जरूरत है जो देश में पुनः नैतिकता का सूत्रपात कर सके । मुख्य अतिथि प्रकाश नायक ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें यह देख कर अत्यंत हर्ष हो रहा है कि आर्य समाज देश के भविष्य को गढ़ने का कार्य वेदों के अनुसार कर रहा है । विधायक ने इस तरह के कार्यों और प्रयासों को अपनी ओर से हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया । सभी अतिथियों ने गुरुकुल में हो रहे विकास संबंधी कार्यों का निरीक्षण किया और समारोह में उपस्थित आर्यवीर दल का प्रदर्शन देखा । इन आर्यवीरों को आचार्य सत्यम आर्य द्वारा गहन प्रशिक्षण दिया जायेगा।
छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले के सुकुलभठली ग्राम में सामवेद पारायण महायज्ञ की स्वर्ण जयंती के माध्यम से डॉ रामकुमार पटेल द्वारा 21मई से 26 मई 2022 तक समाज में नवचेतना जागृति एवं विश्व कल्याणार्थ यज्ञ तथा विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । समस्त आयोजन कन्या गुरुकुल महाविद्यालय हाथरस के विद्वतजनों के मार्गदर्शन में संपन्न होगा । इस बार के आयोजन का मूलमंत्र होगा संगत और पंगत । संगत के माध्यम से आमजन वसुधैव कुटुंबकम् के पथ पर अग्रसर होंगे और पंगत के माध्यम से एक पंक्ति में आसान ग्रहण कर समस्त जन प्रसाद पाएंगे जिससे सामाजिक सौहार्द्र और समरसता का चतुर्दिक प्रचार प्रसार होगा ।